किसी तार के बिल की लंबाई बढ़ाने अथवा किसी मुख्य विद्युत आपूर्ति लाइंस में शाखा लाइन निकालने के लिए तार केबिन में जोड़ लगाया जाता है जो ऐसा होना चाहिए कि वह अच्छे गतिक संयोजन के साथ ही लाइन को पर्याप्त यांत्रिक शुद्धता भी प्रदान करें या तार खेल के जोड़ को कई प्रकार से तैयार किया जा सकता है जोरों की किस्मत आर के बिल की मोटाई तथा प्रयोजन पर निर्भर करता है सिर पर वायरिंग एवं घरेलू हुआ है मैं निम्नलिखित किस में जोड़ का प्रचलन है
तारों के निम्नलिखित + हैं _
1-twisted joint
इस प्रकार के जोड़ में तारों के सिरों अथवा केबिल
चालकों को आपस में ज्वाइंट करके उनक
समपक शीरे के ओर मोड़ दिया जाता है इस प्रकार का जोर सिर ऊपर लाइन में खंभे
के ऊपर स्थापित इंसुलेटर्स पर लगाया जाता है लाइन के मध्य में नहीं इसे पिंटेल + अथवा रेट लेट + नाम से भी जाना जाता है
2- married joint --
इस प्रकार के joint में तारों के सिरों अथवा
केबिलके चालकों को आपस में
संयोजन देने के बाद समापक shere को विपरीत दिशाओं में लपेट दिया जाता है
इस joint का प्रयोग सीधी लाइन में किया जाता है
परंतु लाइन में अधिकतम दाब नहीं होना चाहिए इससे सीधा जोड़ भी कहते हैं
3-
T-joint
इस प्रकार के जोड़ के स्थान के मुख्य
केविल के अचालक को छिला जाता है
और दूसरे के बिल के चालकों को जोड़ के दोनों और लपेट दिया जाता ह
ईस joint को तैयार करने के लिए पृथक
चालक तार भी दोनों जोड़ों जाने वाले तारों पर लपेट जा सकता है
इस जोड़ का प्रयोग प्रमुख विद्युत आपूर्ति लाइन में से शाखा लाइन प्राप्त करने के लिए किया जाता है
4--Britannia joint
इस प्रकार के joint में तार अथवा केबिल के
चालकों को एक दूसरे के समांतर व सटा कर
रखा जाता हैं
समापक सिरे को 2 से 3 सेमी समकोण पर मोड़ दिया जाता है
जब दोनों तारों पर एक तीसरा तार लपेटकर जोड़ा जाता है यह जो मजबूत होता है और यदि तनाव शाह सकता है
5-
Western Union joint
यह भी मजबूत अधिक तनान दाब शाह सकने वाला ज्वाइंट होता है
इसमें तारों को एक दूसरे के ऊपर
मजबूती से लपेट दिया जाता है
इसका प्रयोग भी शिरोपरी लाइन में किया जाता है
No comments:
Post a Comment